Monday, October 25, 2010

Best comment 2 मजा तो तब आये कोई सुज्ञा भी ब्लॉग जगत में मिल जाए और सुग्य और सुज्ञा का एक जोड़ /जोड़ा बने

   जब मैने अपना उपनाम ‘सुज्ञ’ चुना तो इतना गहन चिंतन किया कि इससे मेरा सम्पूर्ण व्यक्तिव ही प्रकट हो जाय। ‘सुज्ञ’= सच्चा ज्ञान जो सुगमता से आत्मसात कर ले  ‘सुविज्ञ’ नहिं जिससे विशेष ज्ञान होने का गर्व ध्वनित होकर पुष्ठ होता हो।
मैं सभी दर्शनों का विद्यार्थी हूं, सभी दर्शनों का गुणाभिलाषी हूं, वस्तूतः मैं गुणपूजक हूं।
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Comment- इतनी आत्मकेंद्रित अभिव्यक्ति तनिक अनुचित मानी जाती है अकादमियां में मगर ब्लॉग जगत के लिए बिलकुल सटीक है ...
और हाँ आपका जब नाम मतलब उपनाम पहली बार देखा तो कुछ विचित्र सी अनुभूति हुयी -उसे बयान करने की अनुमति चाहता हूँ ...(आपने दे दी होगी ) ....प्रथम दृष्टि में यह नाम आई मीन उपनाम एकदम से अलग हट कर विशिष्ट सा लगा था -विज्ञ से तो पहले परिचित था विद से भी जिसका मतलब जानना होता है ..लेकिन सुग्य ...भाया था यह नाम ..
मगर फिर सहसा फितरती मन एक याद में खो गया ..हमारे यहाँ तोते को सुग्गा कहते हैं -आप जानते हैं सुग्गा एक प्रसिद्द पालतू पक्षी है जिसे लोग राम नाम कहना सिखाते हैं ...अब सुग्गा का अर्थ विन्यास क्या होगा ? सु मतलब सुन्दर तो सुन्दर गाने वाला -या सुन्दर ज्ञान रखने वाला (सुज्ञा!) मगर आपके ब्लॉग पर हंस का चित्र है तो आप सुग्गा नहीं हो सकते इसलिए नीर क्षीर विवेक वाले सुज्ञ हुए ...
मजा तो तब आये कोई सुज्ञा भी ब्लॉग जगत में मिल जाए और सुग्य और सुज्ञा का एक जोड़ /जोड़ा बने ..क्योंकि तोता मैना की कहानी अब पुरानी हो गयी :)
क्या समझे ?
चलिए ब्लागीय प्रलाप समझना कोई जरूरी तो नहीं !

5 comments:

  1. Naye blog sahit aapkaa swagat hai!

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  2. बहुत अच्छा लिखा आपने...
    sparkindians.blogspot.com

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  3. apne hi tarka ka naya blog
    nayi soch ka swagat hai

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  4. दीपावली का त्यौहार आप, सभी मित्र जनो को परिवार को एवम् मित्रो को सुख,खुशी,सफलता एवम स्वस्थता का योग प्रदान करे -
    इसी शुभकामनओ के साथ हार्दिक बधाई।

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  5. इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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